अस्सलाम ऐ फ़ख़्र-ए-इंसाँ अस्सलाम
अस्सलाम ऐ फ़ख़्र-ए-इंसाँ अस्सलाम
नाज़िश-ए-नाज़-ए-रसूलाँ अस्सलाम
ऐ सरापा शर्ह-ए-क़ुरआँ अस्सलाम
अस्सलाम ऐ 'ऐन-ए-ईमाँ अस्सलाम
याद-ए-तू बस राहत-ए-जाँ अस्सलाम
दर्द-ए-तू ख़ुद ’ऐन-ए-दर्माँ अस्सलाम
अस्सलाम ऐ चारा-ए-बे-चारगाँ
ऐ सुकून-ए-दर्द-मनदाँ अस्सलाम
ज़िक्र तो बस मूनिस-ओ-ग़म-ख़्वार-ए-मा
हुब्ब-ए-तु बुनियाद-ए-ईमाँ अस्सलाम
ऐ कि दर्द-ए-ला-दवा रा तू दवा
चारः-साज़-ए-मा ग़रीबाँ अस्सलाम
रहमत-ए-'आलम शफ़ी'-ए-’आसियाँ
दस्त-ए-उम्मत रा निगहबाँ अस्सलाम
जल्वः-फ़र्मा दर शब-ए-रूया मा
ऐ दवा-ए-दर्द-ए-हिज्राँ अस्सलाम
ख़्वाब रा तू ख़्वाब-ए-शीरीं कर्द:-ई
ऐ जमाल-ए-रू-ए-ताबाँ अस्सलाम
ऐ मकीन गुंबद-ए-ख़ज़्रा मदद
ब-शिनो अज़ मन आह-ओ-फ़ुग़ाँ अस्सलाम
अस्सलाम ऐ सरवर-ए-कौन-ओ-मकाँ
अस्सलाम रहमत-ए-हर दो जहाँ
’आसियाँ वाबस्तः-ए-दामान-ए-तू
ऐ पनाह-ए-मा ग़रीबाँ अस्सलाम
कुन नज़र या रहमतुल-लिल-'आलमीं
सदक़ा-ए-शाह-ए-शहीदाँ अस्सलाम
हाल-ए-ज़ार-ए-उम्मत-ए-’आसी ब-बीं
ऐ सरापा लुत्फ़-ओ-एहसाँ अस्सलाम
ऐ ज़हे-क़िस्मत कि तू बर मा हरीस
जाना-ए-'आरिफ़ दर तू क़ुर्बां अस्सलाम
अस्सलाम ऐ रहमतुल-लिल-'आलमीं
अस्सलाम ऐ नूर-ए-रब्बुलल-'आलमीं
अस्सलाम ऐ आफ़ताब-ए-लम-यज़ल
अस्सलाम ऐ माहताब-ए-बे-बदल
अस्सलाम ऐ इफ़्तिख़ार-ए-दो जहाँ
अस्सलाम ऐ ’इज़्ज़त-ए-कौन-ओ-मकाँ
अस्सलाम ऐ ज़ीनत-ए-'अर्श-ए-बरीं
अस्सलाम ऐ रौनक़-ए-फ़र्श-ए-ज़मीं
अस्सलाम ऐ मज़हर-ए-अनवार-ए-हक़
अस्सलाम ऐ मज़हर-ए-असरार-ए-हक़
लुत्फ़ ने तेरे बुलाया है यहाँ
वर्ना अपनी ऐसी थी क़िस्मत कहाँ
क्या ही ख़ुश अय्याम ये अय्याम हैं
आप के दर पर जो सुब्ह-ओ-शाम हैं
बा-अदब हो कर तिरे दरबार में
'अर्ज़ करते हैं तिरी सरकार में
अस्सलातो--वस्सलाम की सदा
और कभी सल्ले-'अला सल्ले-'अला
फिर तिरे सिद्दीक़-ए-अकबर पर सलाम
हज़रत-ए-फ़ारूक़ पर फिर सद सलाम
अस्सलाम ऐ यार-ए-ग़ार-ए-मुस्तफ़ा
अस्सलाम ऐ राज़-दार-ए-मुस्तफ़ा
अस्सलाम ऐ मर्कज़-ए-परकार-ए-'इश्क़
अस्सलाम ऐ क़ाफ़िला-सालार-ए-'इश्क़
अस्सलाम ऐ 'उमर बर गर्दूं रिकाब
अस्सलाम ऐ अफ़ज़ल-ए-इब्न-ए-ख़ताब
अस्सलाम ऐ शौकत-ए-इस्लाम-ओ-दीं
अस्सलाम ऐ सतवत-ए-शर्ह-ए-मुबींं
अस्सलाम ऐ सय्यदा ज़हरा बतूल
अस्सलाम ऐ क़ुर्रत-ए-'ऐन-ए-रसूल
अस्सलाम ऐ फ़र्ह-ए-क़ल्ब नूर-ए-’ऐन
अस्सलाम ऐ मादर-ए-हसन-ओ-हुसैन
या मोहम्मद आसरा है आप का
और कोई भी नहीं तिरे सिवा
चूमना क़दमों का तेरे ऐ हबीब
फिर भी हो जाए ग़रीबों को नसीब
अपने दर पर फिर हमें बुलवाइए
सब्ज़-ए-गुम्बद फिर हमें दिखलाइए
आना जाना हो तेरे दरबार में
'अर्ज़ हम करते रहें सरकार में
फिर दिखाना रू-ए-ज़ेबा या नबी
फिर मेरे आ'माल धुल जाएँ सभी
है तरह फ़रमान अत्तालेह-ली
'आसियों का आसरा है बस यही
रह्म कर रह्म ऐ करीम-ए-बे-कसाँ
आप ही हैं पर्दा-पोश-ए-’आसियाँ
गो बुरे हैं या भले जैसे हैं हम
सग तिरे ही दर के कहलाते हैं हम
पेश-ए-हक़ बा-नाज़-ए-महबूबी ब-गो
नामः-ए-’इस्यान-ए-ईं 'आसी ब-गो
किस ज़बाँ से अलविदा' का नाम लूँ
अलविदा' के बा'द फिर सदमे सहूँ
अल-फ़िराक़ अल-फ़िराक़ अल-फ़िराक़
अल-फ़िराक़ अल-फ़िराक़ अल-फ़िराक़
अलविदा' आराम-गाह-ए-मुस्तफ़ा
अलविदा' ऐ बारगाह-ए-मुस्तफ़ा
अलविदा' ऐ हाकिम-ए-रूह-ए-अमीं
अलविदा' ऐ सब्ज़-ए-गुम्बद के मकीं
अलविदा' रश्क-ए-ज़मुर्रद अलविदा'
अलविदा' ऐ सब्ज़-ए-गुम्बद अलविदा'
नूर से मा'मूर जाली अलविदा'
शान है तेरी निराली अलविदा'
अलविदा' सिद्दीक़-ए-अकबर अलविदा'
अलविदा' फ़ारूक़-ए-आ'ज़म अलविदा'
अलविदा' ऐ क़स्र-ए-अहमद अलविदा'
अलविदा' मेहराब-ओ-मिम्बर अलविदा'
अलविदा' ऐ बाब-ए-रहमत अलविदा'
अलविदा' ऐ राह-ए-जन्नत अलविदा'
अलविदा' ख़ुद्दाम-ए-अहमद मुजतबा
अलविदा' अबवाब-ए-अहमद मुजतबा
उस्तुन-ए-हन्नाना-ओ-जब्ल-ए-उहुद
’आशिक़ान-ए-ख़ाक-ए-महबूब-ए-उहुद
अलविदा' ऐ पाक-ए-तैबा अलविदा'
रहमत-ए-'आलम के ख़ुत्बा अलविदा'
अब 'इनायत से इजाज़त दीजिए
और दु'आ हक़ में हमारे दीजिए
फिर करम की मुझ पे हो जाए निगाह
फिर तिरा 'मुश्ताक़' हो और तेरी राह
- पुस्तक : असरार-उल-मुशताक़
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