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Sufinama
Qamar Jalalvi's Photo'

क़मर जलालवी

1887 - 1968 | कराची, पाकिस्तान

हिंद-ओ-पाक का एक बेहतरीन उस्ताद शाइ’र

हिंद-ओ-पाक का एक बेहतरीन उस्ताद शाइ’र

क़मर जलालवी के अशआर

क्या इन आहों से शब-ए-ग़म मुख़्तसर हो जाए गी

ये सह सेहर होने की बातें हैं सेहर हो जाए गी

अभी क्या है ‘क़मर’ उन की ज़रा नज़रें तो फिरने दो

ज़मीं ना-मेहरबाँ होगी फ़लक ना-मेहरबाँ होगा

ये बहुत अच्छा हुआ आएँगे वो पहले पहर

चांदनी भी ख़त्म जब तक ‘क़मर’ हो जाएगी

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