Sufinama
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कबीर

1440 - 1518 | लहरतारा, भारत

पंद्रहवीं सदी के एक सूफ़ी शाइ’र और संत जिन्हें भगत कबीर के नाम से भी जाना जाता है, कबीर अपने दोहे की वजह से काफ़ी मशहूर हैं, उन्हें भक्ति तहरीक का सबसे बड़ा शाइ’र होने का ए’ज़ाज़ हासिल है

पंद्रहवीं सदी के एक सूफ़ी शाइ’र और संत जिन्हें भगत कबीर के नाम से भी जाना जाता है, कबीर अपने दोहे की वजह से काफ़ी मशहूर हैं, उन्हें भक्ति तहरीक का सबसे बड़ा शाइ’र होने का ए’ज़ाज़ हासिल है

कबीर के दोहे

जन्तर तंत्र सब झूठ है मत भरमो जग कोय

सत्त सबद जाने बिना कौवा हंस होय

आदि अछर ही अगम है ता को सब बिस्तार

सत-गुरु दया तें पाइए सत्तनाम निज सार

तन की आस सब छूटई मन का करै बिचार

मन चीन्हे बिन थित नहीं सत-गुरु कहैँ पुकार

तिमिर मलिन तें ना टरे सूर उदय नहिं होय

सत्त सबद जो जानई करम भरम सब खोय

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