Font by Mehr Nastaliq Web
Sufinama
Baba Kinaram's Photo'

بابا کینا رام

بابا کینا رام کی ساکھی

चाह चमारी चहड़ी, सब नीचन ते नीच।

तूं तो पूरन ब्रह्म था, चाहन होती बीच।।

अनुभव सोई जानिये, जो नित रहै बिचार।

राम किना सत शब्द गहि, उतर जाय भौपार।।

Recitation

بولیے