Sufinama

गागर

सूफ़ी क़व्वाली की प्रचलित विधा गागर का लोकप्रिय संग्रह सूफ़ीनामा में पढ़िए. प्रसिद्ध सूफ़ी संतों द्वारा रचित गागर पढ़िए.

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सा'द पिया के आज दुवारे

बिस्मिल ख़ैराबादी

साधु साधु गागर सर भारी

बेदम शाह वारसी

गागर हम से संभलत नाँहीं

मख़्दूम ख़ादिम सफ़ी

गागर हमरी हाथ से अपने

मख़्दूम ख़ादिम सफ़ी

अबकी गागर कैसे भर लाऊँ

मख़्दूम ख़ादिम सफ़ी

गागर फिर पनिहारीं लाईं

मख़्दूम ख़ादिम सफ़ी

गागर भर के ले चले

मख़्दूम ख़ादिम सफ़ी

गागर फिर पनिहारन लाई

मख़्दूम ख़ादिम सफ़ी

दूल्हा मैं वारी गगरिया भर दे

अय्यूब अ'ली रिज़्वी

कोऊ आई सुघर पनिहार

शाह नई'म अ'ता

अब की भरूँ मैं गागर डट के

मख़्दूम ख़ादिम सफ़ी

गागर हमरी भर-भर देत है

मख़्दूम ख़ादिम सफ़ी

पनिहारियो गागर लाओ रे

मख़्दूम ख़ादिम सफ़ी

मोरे मध के माते सजनवा

मख़्दूम ख़ादिम सफ़ी

अहमद बन गागर भर लाए

मख़्दूम ख़ादिम सफ़ी

तुम बरसो बदरिया लैल-ओ-नहार

मख़्दूम ख़ादिम सफ़ी

दाता मोरी गगरिया भर दे

अय्यूब अ'ली रिज़्वी
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