Sufinama

बसंत

प्रसिद्ध सूफ़ी संतों द्वारा रचित बसंत का संग्रह सूफ़ीनामा में पढ़िए.

38
Favorite

श्रेणीबद्ध करें

आयो बसंत भईं मतवारी

शाह तुराब अली क़लंदर

खेलें बसंत नबी जी के घर माँ

मख़्दूम ख़ादिम सफ़ी

एहो बसंत बहार

अमीनुद्दीन वारसी

नई बसंत की है नई बहार

मख़्दूम ख़ादिम सफ़ी

अब की बसंत हैं बहुत सुहावन

मख़्दूम ख़ादिम सफ़ी

निजामुद्दीन के राज माँ

मख़्दूम ख़ादिम सफ़ी

खेलिन बसंत नबी जी के घर में

मख़्दूम ख़ादिम सफ़ी

आओ री सखियो सब मिल-जुल के

शाह तुराब अली क़लंदर

अब की बसंत बहुत हमें भाए रे

मख़्दूम ख़ादिम सफ़ी

नई बसंत की धूम मची है

मख़्दूम ख़ादिम सफ़ी

आयो बसंत नई रुत लागी

शाह तुराब अली क़लंदर

आज रचो है बसंत सा'द घर

बशीर ख़ान नसीर ख़ाँ

आई बसंत फिर आई बसंत

ख़लील सफ़िपुरी

हूरीं गाओ बसंत बना के

मख़्दूम ख़ादिम सफ़ी

आयो बसंत बिरहा के पंथ में

मख़्दूम ख़ादिम सफ़ी
बोलिए