आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "nazr e dilbar urf kalam e asghar aagha syed asghar ali asghar nizami ebooks"
अत्यधिक संबंधित परिणाम "nazr e dilbar urf kalam e asghar aagha syed asghar ali asghar nizami ebooks"
फ़ारसी कलाम
रू-ए-हर-दिलबर तजल्ली-गाह-ए-हुस्न-ए-रू-ए-ऊ-अस्तनिकहते काँ आवरद बाद-ए-सबा आँ बू-ए-ऊस्त
अहमद शाहजहाँपुरी
अन्य परिणाम "nazr e dilbar urf kalam e asghar aagha syed asghar ali asghar nizami ebooks"
ग़ज़ल
मग़रूर न इतना हो दिलबर तू और नहीं मैं और नहींबे-वज्ह न मुझ से फेर नज़र तू और नहीं मैं और नहीं
पुरनम इलाहाबादी
फ़ारसी कलाम
ऐ सर्व-ए-ख़ुश-बाला-ए-मन वै दिल्बर-ए-रा'ना-ए-मनला'ल-ए-लबत हल्वा-ए-मन अज़ मन चरा रंजीद:ई
शेख़ सादी
पद
चरन चलौ श्रीवृन्दावन मग जहँ मुनि अलि पिक कीर
चरन चलौ श्रीवृन्दावन मग जहँ मुनि अलि पिक कीरकर तुम करौ करम कृष्णार्पण अहँकार तजि धीर
जुगल प्रिया
फ़ारसी सूफ़ी काव्य
ज़े-वस्ल-ए-दिलबर-ए-ख़ुद ग़म न-दारम
ज़े-वस्ल-ए-दिलबर-ए-ख़ुद ग़म न-दारमख़बर अज़ आलम-ओ-आदम न-दारम
दारा शिकोह
ग़ज़ल
ऐ शह-ए-इक़्लीम-ए-ख़ूबी ता-सर-ए-दरवाज़ः आनज़्र को 'बेदार' तेरी जाँ-ब-कफ़-आवर्दः है
बेदार मीर मोहम्मद
ग़ज़ल
जिस के तुम दिलबर हो जिस दिल में तुम्हारी याद होवो हमेशा ख़ाक छाने वो सदा बर्बाद हो