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फ़ारसी कलाम
दिल-बर-ए-मस्तान: रा चश्म ब-रु-ए-कि बूदबाद: ज़े दस्त-ए-कि ख़ुर्द मस्त ब-बू-ए-कि बूद
ख़्वाजा अहमद जाम
फ़ारसी सूफ़ी काव्य
न मरा ख़्वाब ब-चश्म व न मरा दिल दर दस्त
ऐ कि अज़ सहर-ए-दो-चश्म-ए-तू परी बस्तः शवदआदमी नीस्त कि चश्म अज़ तू तवानद बर बस्त
अमीर ख़ुसरौ
फ़ारसी सूफ़ी काव्य
ऐ क़िब्लः-ए-ईमान-ए-मन गाहे नज़र बर मन फ़िगन
नय मोमिनम नय काफ़िरम अज़ हर-दो फ़ारिग़ ख़ातिरमबर तू बुवद इज़आन-ए-मन गाहे नज़र बर मन फ़िगन
लताफ़त हुसैन वारसी
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फ़ारसी सूफ़ी काव्य
राहे बज़न कि आहे बर साज़-ए-आँ तवाँ ज़द
क़द्द-ए-ख़मीद:-ए-मा सहलत नुमायद अम्माबर चश्म-ए-दुश्मनानत तीर अज़ कमाँ तवाँ ज़द
हाफ़िज़
फ़ारसी सूफ़ी काव्य
बर ईं उम्मीद मुर्दम कि-ऊ ब-याएद बर मज़ार-ए-मन
दर अय्याम-ए-फ़िराक़श आँ-चुनाँ मी-गिर्यम ऐ 'आजिज़'कि सर दाद-अस्त तूफ़ाँ हर-दो-चश्म-ए-अश्क-बार-ए-मन
इब्राहीम 'आजिज़'
फ़ारसी सूफ़ी काव्य
ऐ नमूद: आशिक़ी बर ज़ुल्फ़ व चाक-ए-पैरहन
ऐ नमूद: आशिक़ी बर ज़ुल्फ़ व चाक-ए-पैरहनआशिक़ी आरी व-लेकिन बर मुराद ख़ेशतन
हकीम सनाई
फ़ारसी कलाम
दूर अज़ लब-ओ-दन्दान-ए-'इ'राक़ी' हम:-आ'लमज़ाँ दो लब-ए-शीरीन-ए-शकर-बार बर-आमद
फ़ख़रुद्दीन इराक़ी
फ़ारसी सूफ़ी काव्य
ऐ ज़दः नाविकम ब-जाँ यक दो सेह चार-ओ-पंच-ओ-शश
मनअ'-ए-दो-चश्म कुन कि शुद अज़ दिल-ए-ख़स्तः हर-दमेरायत-ए-आँ दो ना-तवाँ यक दो सेह चार-ओ-पंज-ओ-शश
अमीर ख़ुसरौ
फ़ारसी सूफ़ी काव्य
सवाद-ए-दीदः-ए-मन शुद ज़े-आब-ए-चश्म बयाज़
सवाद-ए-दीदः-ए-मन शुद ज़े-आब-ए-चश्म बयाज़हुनूज़ चंद निगारा ज़े-मन कुनी ए'राज़
हाफ़िज़
फ़ारसी सूफ़ी काव्य
ऐ दिल अर उक़बात बायद दस्त अज़ दुनिया ब-दार
पाय बर दुनिया नेह व बर दोज़ चश्म अज़ नाम-ओ-नंगदस्त दर उक़्बा ज़न व बर बंद: राह-ए-फख़्र-ओ-आ'र
हकीम सनाई
फ़ारसी कलाम
हाशा लिल्लाह कज़ रुख़त चश्म अफ़्गनम सू-ए-दिगरख़ुश नमी-आयद ब-जुज़ रू-ए-तूअम रू-ए-दिगर
नूरुद्दीन हिलाली
फ़ारसी कलाम
ग़ैरत अज़ चश्म बरम रु-ए-तू दीदन न-देहमगोश रा नीज़ हदीस-ए-तू शुनीदन न-देहम
बू अली शाह क़लन्दर
फ़ारसी सूफ़ी काव्य
ख़ेज़ ऐ दिल ज़ीं बर अफ़्गन मरकब-ए-तहवील रा
ख़ेज़ ऐ दिल ज़ीं बर अफ़्गन मरकब-ए-तहवील रावक़्फ़ कुन बर ना-कसाँ आँ आ'लम-ए-तातील रा
हकीम सनाई
फ़ारसी सूफ़ी काव्य
आँ सुख़न गुफ़्तन-ए-तू हस्त हुनूज़म दर गोश
ऐ ब-ख़श्म अज़ बर मन रफ़्ता व तन्हा ख़ुफ़्तःचश्म रा गोए कि चंदीं तरफ़-ए-ख़्वाब ब-पोश