सय्यद अमजद हुसैन के सूफ़ी लेख
ख़्वाजा इसहाक़ मग़रिबी और कुछ बातें
शैख़पुरा ज़िले के मटोखर शरीफ़ में मौजूद ख़्वाजा इसहाक मग़रिबी की दरगाह बीसवीं सदी तक उन चंद मक़ामात में शुमार होती थी, जिन्हें हुकूमती अनुदान दिलाने की कोशिश में कई आला ओहदे-दारों ने भरसक मेहनत की। अख़्तर ओरेनवी की एक किताब के अनुसार, शहज़ादा अज़ीमुश्शान
aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair
jis ke hote hue hote the zamāne mere