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Sheikh Sharfuddin Yahya Maneri's Photo'

शैख़ शरफ़ुद्दीन यहया मनेरी

1262 - 1380 | बिहार शरिफ़, भारत

बर्र-ए-सग़ीर के मशहूर सूफ़ी और मक्तूबात-ए-सदी-ओ-दो सदी के मुसन्निफ़

बर्र-ए-सग़ीर के मशहूर सूफ़ी और मक्तूबात-ए-सदी-ओ-दो सदी के मुसन्निफ़

शैख़ शरफ़ुद्दीन यहया मनेरी के दोहे

बाट भली पर साँकरी, नगर भला पर दूर।

नन्ह भला पर पातला, नारी कर हर चूर।।

साँकर कुएँ पताल पानी, लाखन बूँद बिकाय।

बजर परो तँह मथुरा नगरी, कान्ह पियासा जाय।।

शर्फ सिर्फ मायल करे, दर्द कछू बसाय।

गर्द छुए दरबार की, सो दर्द दूर हो जाय।।

काला हंसा निरमला, बसे समंदर तीर।

पंख पसारे बिख हरे, निरमल करे सरीर।।

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