Font by Mehr Nastaliq Web
Sufinama
Shaligram's Photo'

शालीग्राम

1829 - 1898 | आगरा, भारत

शालीग्राम की साखी

पिया मेरे और मैं पिया की, कुछ भेद जानो कोई।

जो कुछ होय सो मौज से होई, पिया समरथ करें सोई।।

चुपके चुपके बैठकर, करो नाम की याद।

दया मेहर से पाइयो, तुम सतगुरु परसाद।।

जो सुख नहिं तू दे सके, तो दुख काहू मत दे।

ऐसी रहनी जो रहे, सोई शब्द रस ले।।

Recitation

बोलिए