शाह अमीरुद्दीन फ़िरदौसी की ग़ज़लें
aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair
jis ke hote hue hote the zamāne mere
1803 - 1868 | बिहार शरिफ़, भारत
ख़ानक़ाह-ए-मुअ’ज़्ज़म हज़रत मख़दूम-ए- जहाँ, बिहार शरीफ़ के सज्जादा-नशीन और उर्दू-ओ-फ़ारसी के साहिब-ए-दीवान शाइ’र
ख़ानक़ाह-ए-मुअ’ज़्ज़म हज़रत मख़दूम-ए- जहाँ, बिहार शरीफ़ के सज्जादा-नशीन और उर्दू-ओ-फ़ारसी के साहिब-ए-दीवान शाइ’र