Font by Mehr Nastaliq Web
Sufinama
Shah Abdul Hai Jahangiri's Photo'

शाह अब्दुल हई जहाँगीरी

1859 - 1919 | चटगाँव, बंगलादेश

शाह अब्दुल हई जहाँगीरी

सूफ़ी उद्धरण 10

आध्यात्मिक ज्ञान (इल्म-ए-बातिनी) की ख़ासियत हैं, नर्मी, खुद को छोटा समझना, रहमदिली और नर्मदिली।

  • शेयर कीजिए

दुनियादारी के पर्दे में दीनदारी (धार्मिकता) करना, लेकिन दीनदारी के पर्दे में दुनियादारी मत करना।

  • शेयर कीजिए

मुरीद अपने मुर्शिद का हुक्म पूरा करना अपना फ़र्ज़ समझे और मुर्शिद अपने मुरीद की ख़िदमत को ख़ुद पर मुरीद का एहसान माने।

  • शेयर कीजिए

समाँ का कमाल ये है कि जैसे बांसुरी के सुरों या क़व्वाली के बोलों से सुनने वालों की एक ख़ास तरह की हालत हो जाती है, वैसी ही हालत घोड़े की टाप की आवाज़ सुन कर भी हो जाए।

  • शेयर कीजिए

हमने एक ज़माने तक बहुत दुख झेले, फटा हुआ जूता पहनते थे, एक फटा हुआ लिहाफ़ था, जिसे सर्दियों में ओढ़ते और गर्मियों में उसी को बिछा लेते थे। जब तक मुरीद तकलीफ़ नहीं उठाएगा, वह ग़रीबों का हाल कैसे समझेगा?

  • शेयर कीजिए

Recitation

बोलिए