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Sufinama
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क़ैसर वारसी

लखनऊ, भारत

क़ैसर वारसी के अशआर

जल्वे पिला रहे हैं जो 'क़ैसर' शराब-ए-इ’श्क़

मर्द-ए-पाक-बाज़ तू घर में ख़ुदा के पी

का'बा हो बुत-कदा हो कि वो कू-ए-दोस्त हो

दिल तेरा चाहे जिस में उसी घर में जा के पी

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