हसीब जमाल की ग़ज़लें
aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair
jis ke hote hue hote the zamāne mere
1989 | इस्लामाबाद, पाकिस्तान
इस्लामाबाद के युवा कवि जिनकी शाइ'री सुंदरता , प्रेम , सूफीवाद और नैतिक शिक्षाओं से भी भरपूर है।
इस्लामाबाद के युवा कवि जिनकी शाइ'री सुंदरता , प्रेम , सूफीवाद और नैतिक शिक्षाओं से भी भरपूर है।