चौधरी दल्लू राम के अशआर
कहीं है आँख आ’शिक़ की कहीं दीदार-ए-जानाँ है
बहार-ए-हुस्न-इ-ताबाँ में तू ही तू है तू ही तू है
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टैग : आँख
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