Sufinama

रामपुर के शायर और अदीब

कुल: 19

रामपूर का एक क़ादिर-उल-कलाम शाइ’र

दाग़ देहलवी के समकालीन। अपनी ग़ज़ल ' सरकती जाए है रुख़ से नक़ाब आहिस्ता आहिस्ता ' के लिए प्रसिद्ध हैं।

सहसवान के मा’रूफ़ अदीब, मज़मून-निगार और शाइ’र-ए-मश्शाक़

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