आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "zahoor e qudsi mahirul qadri ebooks"
Kalaam के संबंधित परिणाम "zahoor e qudsi mahirul qadri ebooks"
कलाम
फ़र्श-ए-गुल पर इश्वा-ए-क़ुद्स नज़ादान-ए-चमनअर्श-ए-गुल पर जल्वः-ए-रब्ब-ए-गुलसिताँ कुछ नहीं
ज़हीन शाह ताजी
कलाम
ज़ाहर वेखां जानी ताईं नाले अंदर सीने हूबिरहों मारी नित फ़िरां मैं हस्सण लोक नाबीने हू
हज़रत सुल्तान बाहू
कलाम
ख़ुदी के जौहर आसानी में इंसाँ पर नहीं खुलतेहम अपने सामने खुल कर फ़क़त मुश्किल में आते हैं
ज़हीन शाह ताजी
कलाम
एह नुक़्ता जग पुख़्ता कीता ज़ाहर आख सुणाया हूमैं ताँ भुल्ली वैंदी 'बाहू' मुर्शिद राह विखाया हू
हज़रत सुल्तान बाहू
कलाम
शुस्त-ओ-शू ज़ाहिर बदन की क्या बहुत करता है शैख़साफ़ रख दिल को ज़रा वस्वास-ए-शैताँ छोड़ दे
शाह तुराब अली क़लंदर काकोरवी
कलाम
एह तन रब्ब सच्चे दा हुजरा खिड़ियाँ बाग़-बहाराँ हूविच्चे कूज़े विच मुसल्ले विच सज्दे दियाँ ठाराँ हू
हज़रत सुल्तान बाहू
कलाम
एह तन रब्ब सच्चे दा हूजरा विच पा फ़क़ीरा झाती हून कर मिन्नत ख़्वाज ख़िज़र दी तैं अंदर आब हयाती हू
हज़रत सुल्तान बाहू
कलाम
इश्क़ मुश्क न छुप्पे रैहंदे ज़ाहर थीन उथाईं हूनाम फ़क़ीर तनहाँ दा 'बाहू' जिन्हाँ ला-मकानी जाईंं हू
हज़रत सुल्तान बाहू
कलाम
एह तन रब सच्चे दा हुजरा विच पा फ़कीराँ झाती हून कर मिन्नत ख़्वाजा ख़िज़र दी तैं अंदर आब हयाती हु
हज़रत सुल्तान बाहू
कलाम
ज़ाहर बातिन ऐन-अयानी हू हू पया सुणीवे हूनाम फ़क़ीर तिन्हाँ दा 'बाहू' क़बर जिन्हाँ दी जीवे हू