आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "takhayyulat e shah mohammad mujeeb ebooks"
Kalaam के संबंधित परिणाम "takhayyulat e shah mohammad mujeeb ebooks"
कलाम
पुरनम इलाहाबादी
कलाम
किया बे-घाट है 'औघट' जनाब-ए-शाह-'वारिस' नेसमझ में ख़ुद नहीं आती है ऐसी अपनी मंज़िल है
औघट शाह वारसी
कलाम
एह दिल हिजर फ़िराक़ों सड़या एह दम मरे न जीवे हूसच्चा राह मोहम्मद वाला जैं विच रब्ब लुभीवे हू
हज़रत सुल्तान बाहू
कलाम
फ़ख़्र ये है मैं शह-ए-'वारिस' के दर का हूँ फ़क़ीरमर्तब: 'औघट' नहीं जो क़ैसर-ओ-फ़ग़्फ़ूर का
औघट शाह वारसी
कलाम
मेरा गरचे 'औघट' नाम है पर करम है 'वारिस'-ए-पाक काज़हे-शान दम में ग़नी किया कि गदा से शाह बना दिया
औघट शाह वारसी
कलाम
अहमद रज़ा ख़ाँ
कलाम
जिन्हाँ शौह अलिफ़ थीं पाया फोल क़ुरआन न पढ़दे हूमारन दम मोहब्बत वाला दूर होयो न पर्दे हू
हज़रत सुल्तान बाहू
कलाम
अंदर भाई अंदर बालण अंदर दे विच धूहाँ हूशाह-रग थीं रब्ब नेड़े लद्धा इश्क़ कीताम जद सूहाँ हू
हज़रत सुल्तान बाहू
कलाम
जब 'वारिस' शाह कहलाया ने तब रूह सूँ रूह मिलाया नेतब सेज सुहाग सुलाया ने जीव-जान मख़्ज़न असरार होया
वारिस शाह
कलाम
बुलबुलों पर कर दे ऐ सय्याद एहसाँ छोड़ देफ़स्ल-ए-गुल आई है ज़ालिम छोड़ दे हाँ छोड़ दे