आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "preet ke geet altaf mashhadi ebooks"
Kalaam के संबंधित परिणाम "preet ke geet altaf mashhadi ebooks"
कलाम
अमीर ख़ुसरौ
कलाम
नोक-ए-मिज़ा-ए-यार है नश्तर के बराबरख़ूँ-रेज़ी में अबरू भी है ख़ंजर के बराबर
शाह तुराब अली क़लंदर काकोरवी
कलाम
करें आह-ओ-फ़ुग़ाँ फोड़ें-फफोले इस तरह दिल केइरादा है कि रोएँ ईद के दिन भी गले मिल के
औघट शाह वारसी
कलाम
सुण फ़रियाद पीराँ दिआ पीरा अरज़ सुणी कन धर के हूबेड़ा अड़या विच कपराँ दे जिथ मच्छ न बैहन्दे डर के हू
हज़रत सुल्तान बाहू
कलाम
दो-जहाँ जल्वा-ए-जानाँ के सिवा कुछ भी नहींहम ने कुछ और न देखा तो ख़ता कुछ भी नहीं''
ज़हीन शाह ताजी
कलाम
ज़हीन शाह ताजी
कलाम
इश्क़ असानूँ लिस्याँ जाता कर के आवे धाई हूजित वल वेखां इश्क़ दिसीवे ख़ाली जा न काई हू
हज़रत सुल्तान बाहू
कलाम
औघट शाह वारसी
कलाम
हुस्न के चर्चे उस के दम से रौनक़-ए-आलम उस के क़दम सेनूर के साँचे में क़ुदरत ने उस को कुछ ऐसा ढाला है
कामिल शत्तारी
कलाम
हस्सण दे के रोवण लयोई दित्ता किस दिलासा हूउमर बंदे दी ऐवें गई ज्यों पाणी विच पतासा हू
हज़रत सुल्तान बाहू
कलाम
फ़ख़्र ये है मैं शह-ए-'वारिस' के दर का हूँ फ़क़ीरमर्तब: 'औघट' नहीं जो क़ैसर-ओ-फ़ग़्फ़ूर का
औघट शाह वारसी
कलाम
इस दर की सख़ावत क्या कहिए ख़ाली न गया मंगता कोईमुहताज यहाँ जो आते हैं वो झोलियाँ भर के जाते हैं