आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "gulistan e saadi qazi sajjad husain ebooks"
Kalaam के संबंधित परिणाम "gulistan e saadi qazi sajjad husain ebooks"
कलाम
तू बहार-ए-हुस्न है तेरी नज़र हुस्न-ए-बहारतू नहीं तो ये गुलिस्ताँ का गुलिस्ताँ कुछ नहीं
ज़हीन शाह ताजी
कलाम
मैं कोझी मेरा दिलबर सोहणा, क्यूँकर उस नूँ भावा हूविहड़े साडे वड़दा नाहीँ लक्ख वसीलें पावाँ हू
हज़रत सुल्तान बाहू
कलाम
न मैं आलिम न मैं फ़ाज़िल न मुफ़्ती न क़ाज़ी हूना दिल मेरा दोज़ख़ ते ना शौक़ बहिश्ती राज़ी हू
हज़रत सुल्तान बाहू
कलाम
हुस्न-मह्व-ए-रंग-ओ-बू है इश्क़ ग़र्क़-ए-हाय-ओ-हूहर गुलिस्ताँ उस तरफ़ है हर बयाबाँ इस तरफ़
ज़हीन शाह ताजी
कलाम
एह तन रब्ब सच्चे दा हुजरा खिड़ियाँ बाग़-बहाराँ हूविच्चे कूज़े विच मुसल्ले विच सज्दे दियाँ ठाराँ हू
हज़रत सुल्तान बाहू
कलाम
इक तरफ़ फूले हैं लाले इक तरफ़ हैं गुल खुलेदेख ले बुलबुल तमाशा-ए-गुलिस्ताँ छोड़ दे
शाह तुराब अली क़लंदर काकोरवी
कलाम
हर-चंद गुलिस्ताँ में गुल-अंदाम बहुत हैंख़ुश-क़द नहीं कोई सर्व-ओ-सनोबर के बराबर
शाह तुराब अली क़लंदर काकोरवी
कलाम
मैं हुस्न-ए-मुजस्सम हूँ मैं गेसू-ए-बरहम हूँमैं फूल हूँ शबनम हूँ मैं जल्वः-ए-जानानः
वासिफ़ अली वासिफ़
कलाम
'ज़हीन' अल्लाह को मैं देखता हूँ हुस्न-ए-जानाँ मेंनज़र ख़ुर्शीद के जल्वे मह-ए-कामिल में आते हैं
ज़हीन शाह ताजी
कलाम
ज़हीन शाह ताजी
कलाम
लिबास-ए-नौ-बनौ हर दौर में बदले हैं दोनों नेन इश्क़-ए-सरमदी बदला न हुस्न-ए-जावेदाँ बदला
ज़हीन शाह ताजी
कलाम
दिल दा कलमा आरिफ़ पढ़दे जाणे की गलोई हूकलमा मैं नूँ पिए पढ़ाया सदा सुहागण होई हू