आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "chhup raha hai aaftab e zindagi hameed vaishalvi ebooks"
Kalaam के संबंधित परिणाम "chhup raha hai aaftab e zindagi hameed vaishalvi ebooks"
कलाम
'ज़हीन' इस दहर में है मद्द-ओ-जज़्र-ए-ज़िंदगी उस सेमोहब्बत साज़-ए-दिल पर जिन सुरों से गुनगुनाई है
ज़हीन शाह ताजी
कलाम
मज़हबाँ दे दरवाज़े उच्चे राह रब्बाना मोरी हूपंडत ते मुलवाणे कोलों छुप छुप लंघिये चोरी हू
हज़रत सुल्तान बाहू
कलाम
औघट शाह वारसी
कलाम
रातीं रत्ती नींद न आवे दिहाँ रहे हैरानी हूआरिफ़ दी गल आरिफ़ जाणे क्या जाणे अफ़्सानी हू
हज़रत सुल्तान बाहू
कलाम
हमेशा हम-बग़ल वो रश्क-ए-लैला है तसव्वुर मेंमेरी आग़ोश गोया ऐ जुनूँ आग़ोश-ए-महमिल है
औघट शाह वारसी
कलाम
शौक़ दा दीवा बाल हनेरे मत लब्भे वस्त खड़ाती हूमरन थीं अग्गे मर रहे जिन्हाँ हक़ दी रमज़ पछाती हू
हज़रत सुल्तान बाहू
कलाम
पूछो न मुझ ख़राब से यारो सलाह-ए-कार तुमअपने तो अब रहे नहीं होश-ब-जा जो हो सो हो
शाह नियाज़ अहमद बरेलवी
कलाम
साँस में आवाज़-ए-नय है दिल ग़ज़ल-ख़्वाँ है 'ज़हीन'शायद आने को है वो जान-ए-बहाराँ इस तरफ़
ज़हीन शाह ताजी
कलाम
नोक-ए-मिज़ा-ए-यार है नश्तर के बराबरख़ूँ-रेज़ी में अबरू भी है ख़ंजर के बराबर