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फ़ारसी सूफ़ी काव्य
तुर्क-ए-सफ़ेद-रूए- व सियह-चश्म-ओ-लालः-रंग
तुर्क-ए-सफ़ेद-रूए- व सियह-चश्म-ओ-लालः-रंगमिस्लत नज़ाद मादर-ए-अय्याम शोख़-ओ-शंग
अमीर ख़ुसरौ
फ़ारसी सूफ़ी काव्य
तन पीर गश्त व आरज़ू-ए-दिल जवाँ हुनूज़
आहंग कर्द: सू-ए-बुताँ जान-ए-कमतरीनकाफ़िर-दिलान-ए-हुस्न-दरूँ सू-ए-जाँ हुनूज़
अमीर ख़ुसरौ
ग़ज़ल
बुतान-ए-हश्र ताज़ा रँग भर दीं दाग़-ए-इस्याँ मेंमज़ा दे जाए मेरा दाग़-ए-इस्याँ मेरे दामाँ में
रियाज़ ख़ैराबादी
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दोहा
दधि-मन देत तरंग नित रंग रंग बिस्तार
दधि-मन देत तरंग नित रंग रंग बिस्तारकोउ तरंग मोती सहित काहु संग सेवार
बरकतुल्लाह पेमी
फ़ारसी सूफ़ी काव्य
दर तमजीद-ओ-तौहीद हज़रत बारी जिल्लत-ए-अज़्मः व इल्लत-ए-कल्मः गोयद
हमी दूँ मी-ख़ूरंद आब व दर यक बोस्ताँ रोयंदब-रंग-ओ-नील-ओ-सब्र-ओ-सुम्बुल-ओ-माज़ो-ओ-माज़रयूँ
हकीम सनाई
पद
वो मेरा महबूब पियारा किस किस रंग में आया
वो मेरा महबूब पियारा किस किस रंग में आयाजल्वः कर आदम में आया अहमद नूर दिखाया
संत कवि दिलदार
दोहा
वे रहीम नर-धन्य हैं पर उपकारी अंग
वे रहीम नर-धन्य हैं पर उपकारी अंगबाँटनवारे को लगे ज्यों मेंदही को रंग
रहीम
कविता
सैयाँ मोरे बाला जोबन रंग जाय हो
सैयाँ मोरे बाला जोबन रंग जाय होअजब रंग पिया पिया तोरे अनूठी मार रंगी मोहे न गुहार हो
अजब रंग
पद
विनय - रंगीले रंग देओ चुनर हमारी
निर्मल होय प्रेम रंग भींजे जावे गगन अटारीतुम्हारी दया होय जब भारी सुरत अगम पद धारी
संत सालिगराम रायबहादुर
नज़्म
एहराम की बहार वो हर रंग की फबन
एहराम की बहार वो हर रंग की फबनमिस्ल-ए-शुआ'-ए-मेहर चमकता है सब बदन
रियाज़ फरोग़ वारसी
पद
गनपत भावे हरिकथा रंग मो आवे
गनपत भावे हरिकथा रंग मो आवेपग सो नीचे मुख सो गावे चारे कर सो भाव बतावे
अमृत राय
पद
प्रेमालाप के पद - कृष्ण पीऊ मेरी रंग दे चुँदड़ियाँ
कृष्ण पीऊ मेरी रंग दे चुँदड़ियाँऐसी रंगत रंगवा दे साँवरिया
मीरा
शबद
प्रेम का अंग - ऐंसा रँग रँगैहौं मैं तो मतवालिन होइहौं
ऐंसा रँग रँगैहौं मैं तो मतवालिन होइहौंऐंसा रँग रँगैहौं मैं तो मतवालिन होइहौं