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पद
जै माधव मुकुंट मुरार मधुसूदन मदनमोहन मन रंजन मन भावन
जै माधव मुकुंट मुरार मधुसूदन मदनमोहन मन रंजन मन भावनजगतपति जगन्नाथ जगजीवन जगबंदन जगपावन जग प्रगटावन
बैजू बावरा
पद
कानड़ मोहन खेम हजूरी आनदास पूर्ण मत पूरी
नाथ ध्यानजी है अवधूता जगन्नाथ केवल पद पहुँताजिनकी पदरज जे कोई धारे जन्म जन्म अघ जारणी
भाऊदास जी
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फ़ारसी सूफ़ी काव्य
जल्व:-गर-ए-कंंगुर:-ए-यक-काख़ शौ
जल्व:-गर-ए-कंंगुर:-ए-यक-काख़ शौनग़म:-ज़न-ए-तारुम-ए-यक-शाख़ शौ
मुल्ला जामी
दोहा
समय परे ओछे बचन सब के सहै 'रहीम'
समय परे ओछे बचन सब के सहै 'रहीम'सभा दुसासन पट गहे गदा लिए रहे भीम
रहीम
शबद
मैं ने बहुतों के बोल सहे सितमगर तेरे लिए
मैं ने बहुतों के बोल सहे सितमगर तेरे लिएचाचरी भूचरी अगोचरी मुद्रा मैं ने त्रिकुटी ध्यान धरे
अवगतदास
ग़ज़ल
न छेड़ ऐ नग़्मः-गर तसकीन-ए-बे-हंगामः के नग़्मेफ़ज़ाओं में अभी गुंजाइश-ए-शोर-ए-सलासिल है
सीमाब अकबराबादी
दोहा
रहिमन रिस सहि तजत नहिं बड़े प्रीति की पौरि
रहिमन रिस सहि तजत नहिं बड़े प्रीति की पौरिमूकन मारत आवई नींद बिचारी दौरि
रहीम
पद
ककहरा - चच्चा चले जात नर भूल सूल ता से सहै
चच्चा चले जात नर भूल सूल ता से सहैसतसंग मिलै न अंत संत बिन को कहै
तुलसी साहेब हाथरस वाले
फ़ारसी कलाम
तू हर-दम मी-सराई नग़्मः व हर-बार मी-रक़समब-हर तर्ज़े कि मी-रक़्सानीअम ऐ यार मी-रक़सम
ख़्वाजः उस्मान हारूनी
फ़ारसी सूफ़ी काव्य
दीगर ज़े-शाख़-ए-सर्व सही बुलबुल-ए-सुबूर
दीगर ज़े-शाख़-ए-सर्व सही बुलबुल-ए-सुबूरगुलबाँग ज़द कि चश्म-ए-बद अज़ रू-ए-गुल ब-दूर
हाफ़िज़
दोहा
सतगुरू - सतगुरू शब्दी सेल है सहै धमूका साध
सतगुरू शब्दी सेल है सहै धमूका साधकायर ऊपर जो चलै तौ जावै बर्बाद
चरनदास जी
ग़ज़ल
सुरूर-ओ-कैफ़ का नग़्मः ग़म-ओ-अंदोह का नौहातिलिस्म-ए-ज़ीस्त की सरगम कभी कुछ है कभी कुछ है
अब्दुलहादी काविश
फ़ारसी सूफ़ी काव्य
दर्द-ए-ऊ रा साख़्तम दरमान-ए-ख़्वेश
दर्द-ए-ऊ रा साख़्तम दरमान-ए-ख़्वेशअज़ मय-ओ-नग़्मः कुनम सामान-ए-ख़्वेश