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फ़ारसी सूफ़ी काव्य
सवाल - चे जुज़्व अस्त आँ-कि ओ अज़ कुल फ़ज़ून-अस्त
दरू चीज़े दो-साअ'त मी-नबायदकि दर आँ लहज़ः गह मीरद ब-ज़ायद
मह्मूद शबिस्तरी
नज़्म
मेरा रसूल
जिस की कमली के साए में आँख सहर ने खोलीजिस के लहजे में हम तक पहुँची क़ुदरत की बोली
मुज़फ़्फ़र वारसी
फ़ारसी सूफ़ी काव्य
सूरत-गर-ए-नक़्क़ाशम हर लहज़ः बुते साज़म
सूरत-गर-ए-नक़्क़ाशम हर लहज़ः बुते साज़मवाँगाह हम: बुत-हा रा दर पेश-ए-तू ब-गुदाज़म
मौलाना रूमी
फ़ारसी कलाम
मी-कुनद बा मन दिलम हर-लहज़: इज़हारे दिगरअज़ दरूनम मी-ज़नद सिर्र हर-दम असरारे दिगर
शाह नियाज़ अहमद बरेलवी
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फ़ारसी कलाम
ऐ कि अज़ हर-शक्ल-ओ-हर-सूरत पदीदार आमदीमज़हर-ए-ख़ुद ख़ुद शुदी व ख़ुद ब-इज़हार आमदी
अमीर हसन अला सिज्ज़ी
फ़ारसी सूफ़ी काव्य
गुल दर बर व मय दर कफ़ व मा'शूक़ः ब-कामस्त
दर मजलिस-ए-मा इत्र मियामीज़ कि जाँ राहर-लहज़: ज़े-गेसू-ए-तू ख़ुश्बू-ए-मशामस्त
हाफ़िज़
फ़ारसी कलाम
शेरानः ज़े-मुल्क-ए-दो-जहाँ पा-ए-कशीदेमईं लहज़ः कि बा-दिलबर-ए-ख़ुद दस्त ब-दस्तेम
मौलाना रूमी
फ़ारसी सूफ़ी काव्य
रफ़्त यार व आरज़ू-ए-ऊ ज़े-जान-ए-मन न-रफ़्त
अंदर-आँ साअ'त कि अज़ पेश-ए-मन शोरीदः-बख़्तरफ़्त आँ बद-ख़ू चरा आँ लहज़ः जान-ए-मन न-रफ़्त
अमीर ख़ुसरौ
फ़ारसी सूफ़ी काव्य
ग़मत बा ईन-ओ-आँ गुफ़्तम न-गुफ़्तम
ख़ुश आँ लहज़ः कि तू गोई ब-सद नाज़हमीं दाँ काँ फुलाँ गुफ़्तम न-गुफ़्तम
अमीर ख़ुसरौ
फ़ारसी कलाम
दिल-ए-बेचार:-ए-आशिक़ ब कि ज़िन्हार साज़दऐ कि बा-ग़मज़:-ए-ओ-बा-इश्व:-ओ-नाज़ आमद:ई
कैफ़ी चिरैय्याकोटी
ग़ज़ल
पीर हमारा हादी हमारा ताज़ा-रवाँ वो लहज़ः लहज़ःहम को मिलाया ज़ात-ए-क़िदम से मा-रूही सुब्हान-अल्लाह
मरदान सफ़ी
फ़ारसी सूफ़ी काव्य
बा-गुल-रुख़-ए-ख़्वेश गुफ़्तम ऐ ग़ुंचः-दहाँ
बा-गुल-रुख़-ए-ख़्वेश गुफ़्तम ऐ ग़ुंचः-दहाँहर-लहज़: म-पोश चेहर: चूँ इश्वःأदहाँ