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फ़ारसी सूफ़ी काव्य
मोहम्मद गुल अस्त व अली बू-ए-गुल
मोहम्मद गुल अस्त व अली बू-ए-गुलबुवद फ़ातिमा अंदर आँ बर्ग-ए-गुल
अमीन साजिद
फ़ारसी कलाम
ऐ का'बः तलब चंद कुनी क़त-ए’-बयाबाँचूँ काब:-ए-उ’श्शाक़ बुवद रू-ए-मोहम्मद
अमीर हसन अला सिज्ज़ी
गूजरी सूफ़ी काव्य
अली मोहम्मद रात बुलाया
अली मोहम्मद रात बुलायाहँस हँस अपने सेज चढाया
शाह अली जीव गामधनी
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फ़ारसी सूफ़ी काव्य
दिला ख़ाक-ए-रह-ए-कू-ए-मोहम्मद शौ मोहम्मद शौ
बक्कन ख़ाली मसाम अज़ बोए गुल-हा-ए-जहाँ ऐ दिलबया दिल-दादः-ए-बू-ए-मोहम्मद शौ मोहम्मद शौ
शाह नियाज़ अहमद बरेलवी
ग़ज़ल
अज़ीज़ सफ़ीपुरी
गूजरी सूफ़ी काव्य
वही वही वही
जियूँ फूल कली रंग रुली वही जिऊँ नबी मोहम्मद अली वहीत्यूँ अली मोहम्मद वली वही
शाह अली जीव गामधनी
फ़ारसी सूफ़ी काव्य
सवाल - विसाल-ए-मुमकिन-ओ-वाजिब बहम चीस्त
ब-कुल्लीयत रिहाई याबी अज़ ख़्वेशग़नी गर्दी ब-हक़ ऐ मर्द-ए-दरवेश
मह्मूद शबिस्तरी
पद
चरन चलौ श्रीवृन्दावन मग जहँ मुनि अलि पिक कीर
चरन चलौ श्रीवृन्दावन मग जहँ मुनि अलि पिक कीरकर तुम करौ करम कृष्णार्पण अहँकार तजि धीर
जुगल प्रिया
फ़ारसी कलाम
लौलाक कि नाज़िल शुद: दर शान-ए-मोहम्मदजुज़्वीस्त ज़े-औसाफ़-ए-फ़रावान-ए-मोहम्मद
शाह तुराब अली क़लंदर काकोरवी
भजन
मों को नाँव मोहम्मद प्यारा लगत है
मों को नाँव मोहम्मद प्यारा लगत हैवाही के कारन हैव किस कित है