Font by Mehr Nastaliq Web
Sufinama

भारत के शायर और अदीब

कुल: 1952

मशहुर सूफ़ी बुज़ुर्ग बू-अ’ली शाह क़लंदर

मशहुर सूफ़ी बुज़ुर्ग बू-अ’ली शाह क़लंदर

मुज़्तर ख़ैलाबादी के बड़े भाई

नूह नारवी के शागिर्द, शायरी में आवामी रोज़मर्रा को जगह दी. ग़ज़लों के साथ अहम मज़हबी और जनप्रतिनिधियों पर नज़्में लिखीं

गुलाल साहिब के मुरीद और जां-नशीन जिनके कई ग्रंथ हैं जिनमें से एक राम जहाज़ है जो एक ज़ख़ीम किताब है

हाजी वारिस अ’ली शाह के मुमताज़ मुरीद और वहीद इलाहाबादी शागिर्द-ए-रशीद

लखनऊ का मा’रूफ़ ना’त-गो शाइ’र

फ़ारसी ज़बान के मशहूर सूफ़ी शाइ’र

बेदम वारसी के साहिब-ज़ादे

मा’रूफ़ ना’त-गो शाइ’र और ''बे-ख़ुद किए देते हैं अंदाज़-ए-हिजाबाना' के लिए मशहूर

हाजी वारिस अ’ली शाह के मुरीद और “जज़्बातुल-जुनून के मुसन्निफ़

नासिख़ का एक गुम-नाम शागिर्द

दिल्ली की काव्य परम्परा के अंतिम दौर के शायरों में शामिल, अपने ड्रामे ‘कृष्ण अवतार’ के लिए प्रसिद्ध

ख़ानक़ाह बरकातिया, मारहरा के बानी और मा’रूफ़ सूफ़ी

बोलिए