Sufinama

कलाम

सूफ़ियाए किराम के लिखे हुए ज़्यादा-तर अशआर कलाम के ज़ुमरे में ही आता है और उसे महफ़िल समाव के दौरान भी गाया जाता है।

1718 -1805

मशहूर-ए-ज़माना तसनीफ़ “हीर राँझा” के मुसन्निफ़ और पंजाबी शाइ’र

1929 -1993

पाकिस्तान की मशहूर रुहानी शख़्सियत और मुमताज़ मुसन्निफ़

बोलिए